आर्गेज्म यानी सेक्स संबंध के दौरान चरम आनंद पर पहुंचना। लेकिन सभी प्रकार के जतन और प्रयोग के बाद भी महिलायें आर्गेज्म नहीं प्राप्त कर पाती हैं। कई बार तो महिलायें इससे ऊबकर आर्गेज्म के लिए झूठ भी बोलती हैं। आप भी अगर आर्गेज्म नहीं प्राप्त कर पा रही है तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। उनको जानने की जरूरत है।
क्या क्या हो सकती हैं समस्याएं
1. Anorgasmia वैसे तो ऑर्गेज्म और सेक्स के दौरान वैजाइना का साइज कोई मायने नहीं रखता। लेकिन ऑर्गेज्म की समस्या क्लूटोरियस के छोटे होने से जरूर हो सकती है जो कि वैजाइना के भीतर होता है। इस रिसर्च के बाद इसे एक बीमारी करार दिया गया और इस बीमारी का नाम है एनऑर्गेज्मिया। यानी जिसे ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं होता।
2. क्लूटोरियस जो महिलाओं को बहुत सारा सेक्सुअल प्लेजर देने का प्रमुख स्रोत होता है। रिसर्च में पाया गया कि वैजाइना और क्लूटोरियस के बीच की दूरी के कारण यह समस्या होती है। क्लूटोरियस के आकार के साथ-साथ वह वैजाइना में किस जगह है इससे भी आगेज्म प्रभावित होता है।
3. तनाव अगर महिला यौन संबंध बनाते वक्त तनाव में है तो उसे परमसुख यानी आगेज्म नहीं प्राप्त हो सकता है। क्योंकि तनाव के कारण सुख देने वाले हार्मोन (एड्रोनेलॉनिन) का स्राव नहीं हो पाता और महिला आर्गेज्म से वंचित रह जाती है। इसलिए कोशिश करें कि तनाव के दौरान मूड को शांत करने के बाद ही यौन संबंध बनायें।
4. पोजीशन यौन संबंध बनाते वक्त अगर आप एक ही तरह की सेक्स पोजीशन का प्रयोग कर रहे हैं तो यह भी महिला के आर्गेज्म नहीं मिलने का प्रमुख कारण हो सकता है। क्योंकि हो सकता है उसी पोजीशन को बार-बार दोहराने से वो बोर हो जाते हों और उनको उस पोजीशन से यौन संबंध बनाने में कोई रुचि न होती हो। तो अगली बार दूसरी पोजीशन आजमाकर देखिये।
5. चिकनाहट की कमी (लुब्रिकेशन) महिलाओं को आर्गेज्म न मिलना लुब्रीकेशन की कमी के कारण भी हो सकता है। महिलाओं के जनन अंग में लुब्रिकेशन (गीलापन) को उत्तेजना का पैमाना माना जाता है। कुछ महिलाओं को इसमें कमी की शिकायत होती है। ऐसे में यौन संबंध बहुत तकलीफदेह हो जाता है। लुब्रिकेशन में कमी तीन वजहों से हो सकती है - संक्रमण, हार्मोंस में गड़बड़ी या फिर तरीके से फोरप्ले न होना।
6.सहवास के दौरान दर्द कुछ महिलाओं को सहवास के दौरान दर्द होता है, कई बार यह दर्द बहुत ज्यादा होता है और ऐसे में महिला सेक्स से बचने लगती है। साथी को इस दर्द का अहसास नहीं होता। उसे लगता है कि साथी महिला उसे सहयोग नहीं दे रही, यही कारण हो सकता है महिला को चरम सुख नहीं मिल पाता है। इस समस्या को डिस्परयूनिया (पेनफुल इंटरकोर्स) कहा जाता है।
7. पीरीयड्स के दौरान यौन संबंध बनाते हैं तो इसमें बहुत हद तक संभावना होती है कि महिला को आर्गेज्म प्राप्त नहीं होगा। इस समय गीलापन (लुब्रीकेशन के साथ अतिरिक्त गीलापन) बढ़ जाने से यौन संबंध उतना रोमांचक नहीं हो पाता और महिला चरमसुख से वंचित रह जाती है।
क्या है हल इन समस्याओं का
आर्गेज्म प्राप्त न होने के पीछे महिलाओं की शरीर की बनावट पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जनरल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ता महिलाओं के सेक्सुअल प्रतिक्रियाओं पर अधिक जानकारियां जुटा रहे हैं। शोध के मुताबिक, यदि महिलाएं चाहे तो आसानी से सेक्सुअल डिस्फंक्शन का इलाज कर सकती हैं। इसके अलावा कोशिश कीजिए जब तनाव में हों तो यौन संबंध न बनायें।
कुछ ज़रूरी टिप्स जिनके द्वारा की जा सकती है चरम सुख की प्राप्ति
सेक्स के दौरान क्लाइमेक्स यानी आर्गेज्म तक पहुंचने के लिए फोरप्ले का अहम योगदान होता है। इसके लिए महिलाओं की बॉडी में कुछ ऐसे खास अंग होते हैं जिनके माध्यम से आसानी से आर्गेज्म तक पहुंचा जा सकता है जैसे कि-
ब्रेस्ट:- यह ऐसा बॉडी पार्ट है जिस पर फोरप्ले के दौरान उंगलियों से छेड़छाड़ और सहलाने के जरिए आर्गेज्म तक पहुंचा जा सकता। महिलाएं अपने साथी को अपनी ब्रैस्ट सहलाने,दबाने, किस करने, और चूसने के लिए प्रेरित कर सकती हैं, इससे उन्हें चरम सुख पाने में सुविधा होगी।
मान्स:- स्त्री के जनांग या जेनिटल के आसपास के एरिया को मान्स कहते हैं। इस एरिया को स्टिम्युलेट करने पर आर्गेज्म तक पहुंचने में आसानी होती है।
गर्दन:- गर्दन पर हाथ फेरने, चूमने से इसकी शुरूआत हो सकती है। यह आर्गेज्म तक पहुंचाने में एक अलग भूमिका रखती है।
होंठ:- होंठों पर किस करना सेक्स को अलग ही अनुभव देता है। इससे सेक्स की गति बढ़ती है और आने वाले आनंद के जरिए चरम अवस्था पर भी पहुंचा जा सकता है।
इन तरीकों को अपनाएं
सिडक्शन:- सेक्स के लिए दोनों पार्टनर का मन से एक दूसरे के लिए तैयार होना बहुत जरूरी है, इसलिए पहले अपने पार्टनर में सेक्स की इच्छा जगाएं और उसे सेक्स के लिए तैयार करें।
पार्टनर को सहज करें:- सेक्स करने में जल्दबाजी न करें बल्कि साथी से पूछें कि उन्हें क्या पसंद है। उन्हें सहज होने का अवसर दें। तभी उन्हें आपका छूना अच्छा लगेगा। उन्हें जताएं कि उनका यूं सहज होना और अच्छा लगना भी आपको उत्तेजित करता है।
पार्टनर को सहज करें:- सेक्स करने में जल्दबाजी न करें बल्कि साथी से पूछें कि उन्हें क्या पसंद है। उन्हें सहज होने का अवसर दें। तभी उन्हें आपका छूना अच्छा लगेगा। उन्हें जताएं कि उनका यूं सहज होना और अच्छा लगना भी आपको उत्तेजित करता है।
फीलिंग्स को एक्सप्रेस करें:-शुरूआत में हो सकता है कि आपको लगे कि आप ऐसे नहीं चाहते या कुछ आपको अच्छा नहीं लग रहा। ऐसे में अपनी भावनाओं को दबाने के बजाए समझें और साथी से से चर्चा करते हुए खुलकर उन्हें बताएं कि आपको कैस और क्या अच्छा लगता है।
पार्टनर की रेस्पेक्ट:- आप सेक्स केवल अपने लिए नहीं करते हैं बल्कि अपने साथी के लिए भी करते हैं इसलिए अपने साथी पर भी ध्यान दें कि क्या उन्हें आनंद मिल रहा है? उनसे पूछें कि कहीं वह परेशान या बेचैन तो नहीं? अगर आपको पता लगे कि आपका साथी अब और आगे नहीं बढऩा चाहता तो उनकी इस बात का सम्मान करें।
हाव-भाव:- अपने साथी के हाव-भाव पर ध्यान दें। क्या आपके साथी सिसकारियां निकालते हैं? क्या वह आपके हाथ को किसी खास स्थान पर ले जाते हैं? यह सब इस बात के संकेत हैं कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं। इसलिए बातचीत द्वारा एक दूसरे की इच्छा को जानने का प्रयास करें कि आप और वह क्या चाहते हैं और क्या नहीं। कई लोग इस बारे में बात करने में भी उत्तेजना महसूस करते हैं।
सेन्सेशन:- सेक्स का आनंद उठाने के लिए यह जरूरी है कि दोनों पार्टनर के शरीर का हर अंग मस्तिष्क के साथ और यौन उत्तेजना के अनुसार काम करे। इससे सेक्स में गति आती है और आनंद की प्राप्ति होती है।
सरेंडर:- जब आपको लगे कि आपका साथी पूर्ण रूप से आपकी सहमति और समर्पण चाहता है तो उसके सामने अपने को समर्पित कर दें। सच्चे सुख के लिए सम्पूर्ण यौन क्रिया में रुक-रुक कर ड्राइवर सीट बदलते रहें। जब एक ड्राइवर हो तो दूसरा केवल दर्शक बनकर खुद को उसके हाथों में समर्पित कर दे।
चार्म सुख पर वैज्ञानिको की रीसर्च
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