योनि के बारे में रोचक तथ्य



1. क्लाइटॉरिस पर लगभग 8000 तंत्रिकाएं समाप्त होती हैं। दूसरी ओर पुरुषों के पेनिस लिंग में 4000 तंत्रिकाएं होती हैं। यही कारण है कि यह भाग महिलाओं के शरीर में वासना को उत्तेजित करने वाला सबसे संवेदनशील भाग होता है!
2. वजाइना में एक प्राकृतिक लुब्रीकेंट (स्नेहक) उपस्थित होता है जिसे स्कुआलेन कहा जाता है। यही पदार्थ शार्क के लिवर में भी पाया जाता है। हमें यह सोचकर आश्चर्य होता है कि इसका परीक्षण किसने किया होगा?

3. आपको यह समझना होगा कि जब कोई महिला अधिक सेक्स करती है तो इसका लचीलापन कम नहीं होता। यह पुन: अपने पहले आकार में वापस आ जाता है। ध्यान रहे: वजाइना का लचीलापन केवल बच्चे के जन्म के समय खो जाता है। 

4.यदि आप ऐसा सोचती हैं कि इरेक्शन केवल पुरुषों को होता है तो यह बिलकुल गलत है! वजाइना में भी इरेक्शन होता है तथा संभोग के समय यह 200% तक फ़ैल जाता है!

5. प्रिय महिलाओं, इस तथ्य को पढ़ते समय गर्व महसूस करें! एक खोज के अनुसार एक महिला द्वारा एक घंटे के अंदर प्राप्त चरम सीमा की संख्या 134 है जबकि पुरुषों में यह सिर्फ 16 है।

6.योनि की मासपेशियां काफी मज़बूत होती हैं और ये किसी भी चीज़ पर प्रभावी शिकंजा कास सकती हैं.

7.क्लाइटोरिस यानी भगनासा का योनि पर केवल एक ही उद्देश्य होता है और वो है परम सुख देना या ख़ुशी देना. अलग अलग महिलाओं की योनि पर अलग अलग साइज या बनावट का भगनासा होता है परन्तु सभी का काम उत्तेजना पैदा करना और ख़ुशी प्रदान करना ही होता है.  

8.क्लाइटोरिस यानी भगनासा और योनि द्वार जितने करीब होंगे उत्तेजना और काम सुख उतना ही अधिक होगा.

9.योनि छेत्र के आस पास के बाल केवल ३ सप्ताह तक ही बढ़ते हैं जबकि किसी भी महिला या पुरुष के सर के बाल ७ सालों तक लगातार बढ़ते रहते हैं.

10. योनि के एक या दो इंच अंदर सबसे अधिक तंत्रिकाओं का अंत होता है और ये ही वो जगह है जंहा पर किसी भी महिला को सबसे ज़ादा आनंद प्राप्त होता है.





1. योनि के बहरी अंग – Vagina External organs in hindi
2. योनि के आंतरिक अंग – Vagina Internal organs in hindi



योनि के बहरी अंग – Vagina External organs in hindi

महिलाओं के जननांगों के बाहरी भाग को योनि कहा जाता है। इसमें निम्न भाग होते हैं।

मोन्स प्यूबिस या मोन्स वेनस (Mons pubis or mons Venus)

यह फैटी ऊतकों का बना एक गोलाकार ढेर होता होता है जो प्यूबिक की हड्डी, प्यूबिक के बाल और त्वचा को ढका रहता है। इसका कार्य इन हिस्सों पर लगने वाले आघात को रोककर अंदरूनी अंगों की रक्षा करना होता है।


लेबिया मेजोरा (Labia majora)

इसमें दो त्वचीय मोड़ (cutaneous folds) होते हैं जो योनि को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं। इनका कार्य महिलाओं के प्रजनन प्रणाली में बैक्टीरिया के प्रवेश को रोकना होता है।

लेबिया माइनोरा (Labia minora)

यह दो तरफ से लटकी हुई त्वचा (flaps of skin) से मिलकर बनी होती है जिसका कार्य योनि द्वार की रक्षा करना और आंतरिक अंगों को अधिक तापमान से नीचे रखना होता है।

वोल्वल वेस्टिबुल (Vulval vestibule)


वाह्य अंगों के इस हिस्से में मूत्रमार्ग छिद्र (urethral orifice), योनि द्वार, हाइमन, बार्थोलिन ग्रंथियां और स्किन की ग्रंथियां (Skene’s glands) मौजूद होती हैं।

क्लिटोरिस (Clitoris)

यह एक बेलनाकार, बटन की तरह और उत्तेजी अंग है जो कई संवेदी तंत्रिकाओं से मिलकर बना होता है और यौन उत्तेजना के प्रति यह बहुत संवेदनशील होता है अर्थात् सेक्स के लिए अंगों को उत्तेजित करने का कार्य करता है।


पेरिनियम(गुदा और अंडकोष के बीच का भाग) वह क्षेत्र है जहां श्रोणि तल की मांसपेशियां(pelvic floor muscles) स्थित होती हैं। यह मांसपेशियों से बनी होती हैं और योनि एवं गुदा (anus) दोनों को घेरे रहती हैं और दोनों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।

योनि के आंतरिक अंग – Vagina Internal organs in hindi

योनि (Vagina)

यह मादा प्रजनन प्रणाली का मांसल और नलीदार(tubular) हिस्सा होता है जिसका कार्य गर्भाशय को इसके बाहरी हिस्से से जोड़ना होता है। यह सेक्स के दौरान योनि में लिंग को प्रवेश कराने का रास्ता प्रदान करता है और बच्चे को जन्म देने के लिए बर्थ कैनाल का कार्य करता है।

सर्विक्स यूटेरी (Cervix uteri)

सर्विक्स गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है और इसे योनि से जोड़ता है।

गर्भाशय यो कोख (Uterus or womb)

यह एक चिकनी मांसपेशी है जहां भ्रूण का विकास होता है। इसकी आंतरिक परत या इंडोमेट्रियम गर्भ में भ्रूण आने के बाद हर महीने मोटा होता जाता है।

फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tubes)

इस ट्यूब की लंबाई लगभग 10 मिमी. होती है जो अंडाशय को गर्भ से जोड़ता है। इसी ट्यूब में अंडे स्पर्म से मिलकर निषेचन का कार्य करते हैं।

अंडाशय (Ovaries)

यह महिलाओं की जननग्रंथि होती है जो गर्भाशय के बगल की दीवार में जोड़े के रूप में पायी जाती है। इसका कार्य महिला के अंडे की कोशिकाओं का उत्पादन करना होता है। इसके अलावा यह मेल सेक्स हार्मोन उत्पन्न करने के लिए भी जिम्मेदार होती हैं।

Comments